पिता पहचान थे आलू प्याज,काफी संघर्ष करके सारण की बेटी बनी आरडीओ,जानिए जूही के संघर्ष की कहानी

कहते हैं अगर कुछ पाने का हौसला हो तो कोई भी मुश्किल हमारा रास्ता रोक नहीं सकता। कहते हैं जब हम कोशिश करते हैं तो कितना भी बड़ा मुश्किल हो हम लोग बने ही लेते हैं।
हौसले से इंसान कितनी बड़ी लड़ाई जीत सकता है और अपनी मंजिल पा सकता है। ऐसा ही देखने को मिला है सारण जिले के मरोड़ा में जहां एक आलू प्याज बेचने वाली की बेटी अधिकारी बन गई।
बिहार के सारण जिले के मढौरा खुर्द के निवासी जूही के परिवार में बीपीएससी का रिजल्ट खुशियों की सौगात लेकर आया। जूही 307वीं रैंक पाई गई है और अब वह ऑडियो यानी रूरल एग्जिक्यूटेंट ऑफिसर बन गई है। इस रिजल्ट के जारी होने के बाद से ही परिवार में पालनियां देने वालों का दृष्टिकोण जारी है। परिवार में जूही सबसे छोटी हैं। उससे बड़ी दो बहनें और एक भाई है।
जूही कुमारी के पिता आलू- प्याज पहचान हैं। आलू-प्याज बिक्री से होने वाली कमाई से ही अपनी सबसे छोटी बेटी की पढ़ाई का पूरा खर्च वह करने का प्रयास करते हैं। साथ ही हर कदम पर बेटी का सहर बनकर जुड़ रहे हैं। मीडिया से बातचीत जूही के पिता ने कहा कि उन्हें अपनी बेटी की सफलता पर गर्व है। उन्होंने बताया कि जूही मढौरा में ही रहकर इंटरमीडिएट तक पढ़ाई की। इसके बाद स्नातक की पढ़ाई छपरा से की।