डिंपल कापड़िया नहीं बल्कि इस अभिनेत्री से शादी करना चाहते थे राजेश डेट, 7 साल अलग रहने के बाद भी टूट गया था रिश्ता

राजेश लॉकेट बॉलीवुड के कई बड़े अभिनेता हैं और उन्होंने 80 के दशक में एक से बढ़कर एक हिट फिल्में दी हैं। राजेश अपनी दमदार अभिनय की वजह से लोगों के जंगल में राज करते थे और उन्होंने अपनी अच्छी वजह से सबके दिल को जीत लिया था।
एक समय था जब राजेश अंजु सबु को डेट कर रहे थे और फाइलें देखते थे कि राजेश अंजुवु से शादी करेंगे और दोनों हमेशा साथ रहेंगे। लेकिन ऐसा नहीं हो पाया क्योंकि एक समय बाद दोनों अलग-अलग हो गए जिससे सभी को बहुत चटका लगा।
29 दिसंबर, 1942 को राजेश डायरेक्ट्री का जन्म अमृतसर में जतिन डाटाबेस के रूप में हुआ था। उन्होंने 24 साल की उम्र में 1966 में हिंदी फिल्म आखिरी बार डेब्यू किया था। इस फिल्म के बाद राजेश को फिल्मों में ऑफर मिलने लगेंगे। कई फ्लॉप और कुछ हिट फिल्मों के बाद उनकी सुपरहिट फिल्म 1971 में आई हाथी मेरे साथी थी। यह उस दशक की सबसे ज्यादा कमाई करने वाली हिंदी फिल्मों में से एक बन गई। इसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा।
बता दें कि अंजू सभी भारतीय अभिनेत्री, मॉडल और फैशन डिज़ाइनर हैं। जब अंजू स्ट्रगल कर रही थी, तब राजेश सुपरस्टार थे। दोनों की मुलाकात कैसे हुई, इसके बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है, लेकिन दोनों की प्रेम कहानी काफी मशहूर हुई। अपने रिश्तों के शुरुआती सालों में दोनों ने एक-दूसरे को अंदर से सपोर्ट किया। कहा जाता है कि अंजू एक डेडिकेटेड गर्लफ्रेंड थी और राजेश की देनदारी के साथ वह 1966 से 1972 तक 7 लंबे समय तक लिव-इन रिलेशनशिप में रही।
हालांकि, चीजें 1971 तक बदल गईं, जब अंजू के वेस्ट इंडीज के क्रिकेटर गैरी सोबर्स के साथ डेटिंग की अफवाहें उड़ने लगीं।
इससे राजेश फाइल्स काफी फ्यूरी हो गई हैं। कहा जाता है कि राजेश की अंजू से शादी का फैसला बाद में बदल गया। अंजू की मां चाहती थी कि राजेश आंखें जल्द ही उनकी बेटी से शादी कर लें, राजेश भी यही चाहते थे। लेकिन अंजू ने लगातार शादी से इनकार कर दिया क्योंकि 1972 में राजेश ने उनसे रिश्ता तोड़ लिया। अपने एक इंटरव्यू में अंजू ने स्वीकार किया था कि राजेश की देनदारी के अलग-अलग और लगातार अनुपात ने उनके रिश्तों में कई खटास पैदा कर दिए थे।
अंजू ने कहा था, “वह एक बहुत ही रूढ़िवादी व्यक्ति है, फिर भी किसी न किसी तरह, हमेशा आधुनिक लड़कियों की ओर आकर्षित होता है। भ्रम हमारे रिश्तों का एक हिस्सा था। मैं स्कर्ट पहनती तो वो झल्लाते, तुम अधिकार क्यों नहीं पहनती? अगर मैं अधिकारपूर्ण पहनती हूं, तो वह कहती हैं, तुम भारतीय नारी का लुक क्यों दिखा रही हो?’