बचपन में गरीबी के कारण चढ़ा या भैंस, घर के सूत्रों ने बनाया शादी का प्रेशर, लेकिन नहीं हारे, जाने IAS सी वनमती की कहानी

हर साल लाखों की संख्या में लुकसी की परीक्षा होती है, लेकिन समान दिखने वाली प्लटिंग करते हैं। कड़ी मेहनत अगर आप नहीं करेंगे तो आपको कभी भी इस परीक्षा में सफलता नहीं मिलेगी क्योंकि कड़ी मेहनत के बिना यह परीक्षा आज तक कोई सफल नहीं हुई है।
आज हम आपको एक ऐसी लड़की की कहानी बताने वाले हैं जो अपने काम के लिए अपने सपने को पूरा कर दिखाती है और गरीबी के आगे हार नहीं मानती। आज हम आपको एक ऐसे अनुमान की कहानी बताने वाले हैं जो आपकी मुश्किलों से कभी हार नहीं मानते।
सी.वनमती केरल के इरोड से ताल्लुक रशीश हैं। वह एक बेहद साधारण परिवार से हैं, जिनके यहां के अधिकारियों का काम होता है। वनमती भी बेटों को करित खिलाती थीं। साथ-साथ बफ़ेलो चराने करते थे, लेकिन वो पढ़ने में अच्छी थीं। इसलिए वे अपने घर के हालात जानने से चाहते थे।
12वीं के बाद वनमती पर शादी का दबाव आने लगा। उनके रिश्तेदार-रिश्तेदार उनसे शादी करने की बात कहते थे। इसी दौरान उन्नी एक गंगा यमुना सरस्वती नाम का चक्र देखा, जिसके आसपास आईएएस ऑफिसर होता है। बस उसके बाद से ही वनमती ने ये तय कर लिया था कि वह भी आईएएस अधिकारी बन गया है।
आईएएस की तैयारी शुरू करने से पहले उन्होंने अपनी पढ़ाई पूरी तरह से कर ली थी। उन्नीस कंप्यूटर ऐप्लीकेशन में पीजी किए फिर घर के खर्चे में मदद करने के लिए एक प्राइवेट बैंक में नौकरी भी कर ली। इसके बाद वे घर में मदद देने लगे थे, लेकिन वे अपना लक्ष्य नहीं भूलीं। इसलिए उन लोगों ने प्रस्ताव की तैयारी शुरू कर दी।
इंटरवी के दिन पिता बढ़ाए गए थे
इंटरव्यू से ठीक दो दिन पहले ही सी. वनमती के पिता बीमार हो गए थे। उन्हों अस्पताल में भर्ती अटकी हुई है। अपने पिता की देखभाल करते हुए ही वनमती ने बीच-बचाव किया।
दूसरी बार में सफलता मिली
वनमती ने जब प्राथमिकी परीक्षा की तैयारी की तो पहली बार में उन्हें सफलता नहीं मिली लेकिन फिर भी उन्हें किसी ने नहीं चुना। वे डीटी स्थिति। इसका नतीजा यह हुआ कि आखिरकार साल 2015 में उन्हें सफलता मिली। उन्नीस सौ प्रतिशत परीक्षा क्रैक किया गया था