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पिता की मौत के बाद घर चलाने के नहीं थे पैसे, मां ने बकरी पाल का चलाया घरशिक्षक के सहयोग से मुजफ्फरपुर का बेटा बना IAS

कौन कहता है आसमां में सुरख नहीं होता, एक पत्थर तो तबियत से मुड़ो यारों। इस कहावत को सच में दिखाया गया है मुजफ्फरपुर के विशाल ने. बेहद गरीब घर से ताल्लुक रखने वाले विशाल ने UPSC में 484वां रैंक हासिल कर सफलता हासिल की है। वह अपनी सफलता का श्रेय श्रेय परिवार के साथ-साथ अध्यापिका गौरी शंकर प्रसाद को देते हैं।

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विशाल ने बताया कि कैसे उनके शिक्षक गौरी शंकर ने कठिन परिस्थितियों में उनकी मदद की और उन्हें यूपीएससी पास करने के लिए आगे बढ़ाया। उन्होंने बताया, “अध्यापिका गौरी शंकर ने पढ़ाई के लिए मेरी नौकरी दी। पढ़ाई के दौरान जब पढ़ाई के दौरान तंगी के कारण काम में दिक्कत हो रही थी तो टीचर ने मुझे अपने घर में ही रख लिया। जब मैं नौकरी करने लगा था तो उन्होंने ही मुझे नौकरी छोड़ यूपीएससी की तैयारी करने को कहा। उस दौरान भी उन्हें आर्थिक रूप से काफी मदद मिली।”

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दरअसल, मुजफ्फरपुर के मीनापुर प्रखंड स्थित मकसूदपुर गांव में रहने वाले विशाल के पिता की साल 2008 में मौत हो गई है. पिता मजदूरी करके परिवार का पालन-पोषण करते थे। सिर से पिता का साया उभरने के बाद विशाल की मां रीना देवी ने बकरी और भैंस पालक परिवार का भरण पोषण काफी मुश्किल से किया। लेकिन उन्होंने विशाल को इस बात का कभी एहसास नहीं होने दिया कि उनके पिता इस दुनिया में नहीं हैं।

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विशाल के पिता स्वर्गीय बिकाउ प्रसाद हमेशा कहते थे कि मेरा विशाल पढ़कर एक दिन बड़ा आदमी बन गया। इसी बात को विशाल ने आज सच कर दिखाया है। इससे पूरे आतंकवाद में खुशी का माहौल है।

बता दें, विशाल साल 2011 में मैट्रिक के टॉपर थे। फिर साल 2013 में उन्होंने परीक्षा पास करके IIT डैमेज स्मारक लिया। साल 2017 में वह पास आउट हो गया। फिर एक साल की रिलांयस में जॉब की। नौकरी के दौरान ही शिक्षक गौरी शंकर ने उन्हें नौकरी छोड़ यूपीएससी की तैयारी करने के लिए कहा। नौकरी छोड़ने के बाद शिक्षकों ने आर्थिक रूप से विशाल की मदद की। फिर सच लगन और मेहनत करके आज विशाल ने अपनी मंजिल पा ही ली। विशाल की इस सफलता पर लोग घर में आ-आकर उन्हें और परिवार को बधाई दे रहे हैं।

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उसी समय, शिक्षक गौरी शंकर ने कहा कि विशाल पढ़ने में शुरू से ही काफी समझदार था। लेकिन जब उनके पिता की 2008 में मृत्यु हो गई, तो उनके जीवन का टर्निंग पॉइंट साबित हुआ। विशाल ने तभी से और ज्यादा मेहनत करने शुरू की और नतीजा यह रहा कि आज उसने UPSC क्लियर कर ही लिया।

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