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माता-पिता करते थे मनरेगा में मजदूर, दिल्ली इंटरव्यू देने के लिए भी नहीं थे पैसे, जाने कैसे एक गरीब की बेटी बनी IAS

हमारे देश में हर साल लाखों की संख्या में बच्चे टॉपसी की परीक्षा देते हैं। लेकिन इस परीक्षा में वही बच्चे सफल हो जाते हैं जो कड़ी मेहनत करते हैं और मुश्किलों के आगे कभी घुटने टेकते नहीं हैं।

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देश के कोने-कोने में बच्चे बड़े-बड़े कोचिंग कक्षाओं में पढ़ने की तैयारी करते हैं, लेकिन इनमें से कई ऐसे बच्चे होते हैं जो पर्यटन को नहीं चुनते हैं। लेकिन कुछ ऐसे भी बच्चे होते हैं जो कोचिंग के बिना अपनी मुश्किलों को मात देकर ऐसी कठिन परीक्षा पास कर दिखाते हैं।

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कहते हैं अगर दिल में कुछ करने का जज्बा हो तो कोई भी मुश्किल आप का रास्ता रोक सकते हैं। ठीक है ऐसी कहानी आज हम आपको बताएंगे।

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आज हम आपको आईएएस ऑफिसर सिरिधान्य सुरेश की कहानी बताएंगे जिनके माता-पिता मनरेगा में काम करते थे। श्री थैंक्स के माता-पिता केरल के वायनाड जिले में रहते हैं जो एक पिछड़ा हुआ जिला माना जाता है और उनके तीन भाई बहन भी हैं।

श्री धनया इस आर्थिक रूप से बेहद गरीब परिवार से हैं और इसका कारण यह था कि उन्होंने उत्पीड़न की तैयारी के लिए किसी भी कोचिंग संस्थान का सहयोग सही नहीं लिया।बचपन से ही उन्हें बहुत गरीबी का सामना करना पड़ा।

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साल 2018 में उन्होंने ट्रेसी की परीक्षा दी और 410 वी रैंक हासिल की। लेकिन सससी का इंटरव्यू देने के लिए उनके पास पैसे नहीं थे और इसका कारण यह था कि उनके दोस्तों ने उन्हें पैसे से जोड़ा था, दिल्ली तपसी की इंटरव्यू देने के लिए औपचारिक। आपको बता दें कि दृढ़ संकल्प से उन्होंने इस परीक्षा को पास कर दिखाया।

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