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डाटा एंट्री की नौकरी के साथ की प्राथमिकता की तैयारी, पांच बार प्रीलिम्स में हुई फेल, जाने कैसे मध्यमवर्गीय परिवार की राम्या बनी आईएएस

हमारे देश में हर साल लाखों की संख्या में बच्चे आईएएस आईपीएस की तैयारी करते हैं क्योंकि देश के अधिकतर बच्चों का सपना होता है कि वह आईएएस अधिकारी बने। लेकिन हर साल 0.02 माता-पिता बच्चे ही आईएएस ऑफिसर बन जाते हैं क्योंकि यह अधिकार बहुत कठिन होता है।

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इस परीक्षा को एक ही बच्चा पास कर सकता है, जो अपना सब कुछ दाव पर खरा उतरने की परीक्षा की तैयारी करते हैं और मुश्किलों के आगे कभी भी हार नहीं मानते हैं।

आप जिस लड़की की कहानी बता रहे हैं, उसकी आर्थिक स्थिति बेहद खराब है इसलिए उसने वरीयता देने की तैयारी करने के बारे में सोचा कि उसकी आर्थिक स्थिति ठीक हो जाए। लेकिन इस लड़की को 5 बार प्राथमिकी की परीक्षा में सफलता मिली लेकिन फिर भी इसने हौसला नहीं छोड़ा और तैयारी जारी रखी।

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साल 2021 में शेडसी का अजमाया गया और 46 बार अंक प्राप्त कर आईएएस ऑफिसर बन गया। कोयंबटूर की रहने वाला राम मैंने अपनी जिंदगी में बहुत अलग-अलग क्वैश्चन पेयर हैं और आईएएस ऑफिसर बनने के लिए उन्हें काफी संघर्ष का सामना करना पड़ा है लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी है।

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रम्या की आर्थिक स्थिति बेहतर नहीं थी और उनकी मां ने उन्हें कड़ी टक्कर दी। जीवन के संघर्षों को खत्म कर अपने परिवार को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने के लिए राम्या ने जल्द ही अपने पैरों पर खड़े होने की नौकरी करने की ठानी और इसी वजह से उन्होंने 10वीं की परीक्षा के बाद पॉलिटेक्निक दांव लगाने की ठानी। लेकिन पढ़ाई के दौरान जब वे सीखने की संभावनाओं के विषय में अधिक जानने का प्रयास करते हैं तब उन्हें समझ में आता है कि बेहतर शिक्षा ही उनकी स्थिति में बदलाव कर सकती है।

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यूपीएससी के लिए छोड़ दी नौकरी

दाखिले के दौरान ही उन्होंने कहा कि नौकरी पाना तो आसान है लेकिन उसके बाद आपकी शिक्षा पर ध्यान केंद्रित करना काफी मुश्किल है। प्रोफेसर की बातों ने रम्या के बेहद प्रभावित किया और जलन में अपने बेस्ट मार्क्स के आधार पर उन्होंने कोयंबटूर इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में सहेज लिया। पढ़ाई होने के बाद उन्हें नौकरी भी पूरी मिली और साथ ही प्रमोशन भी मिला। इसके बाद उन्होंने इग्नू से एमबीए भी किया। लेकिन नौकरी के बाद भी राम्या को वो सुकुन नहीं मिल रहा था जिसकी उन्हें तलाश थी। 2017 में उन्होंने अपनी नौकरी छोड़ दी और सिविल सेवा परीक्षा के लिए तैयारी करने का मन बना लिया।

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