आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण नौकरी के साथ की UPSC की तैयारी,हिंदी माध्यम से बने IAS,जाने निशांत जैन की कहानी

हर साल लाखों की संख्या में बच्चे अनुग्रह की तैयारी करते हैं लेकिन कुछ अस्पष्ट ही बच्चे पालने में लग जाते हैं। आज हम आपको जिस शख्स की कहानी बताने वाले हैं, वह बताते हैं कि वह बेहद गरीब हैं, यही वजह है कि उसने नौकरी की तैयारी के साथ शुरुआत की।
आपको बता दें कि इस परीक्षा की तैयारी करने के लिए बच्चे जब तक त्याग नहीं करते हैं तब तक उन्हें सफलता नहीं मिलती है। ऐसे कई बच्चे हैं जो बड़े-बड़े कोचिंग कोर्स के लिए तैयारी तो करते हैं लेकिन आनंद नहीं ले पाते हैं।
लेकिन कुछ ऐसे बच्चे हैं जो अपने परिश्रम के समान बेहद गरीब होने के बाद भी कोचिंग के बिना बड़ी परीक्षाओं में सफल हो जाते हैं। आज हम आपको जिस शख्स की कहानी बताने वाले हैं, वह शख्स भी अपने काम के चलते जैसी परीक्षा में बिना कोचिंग के सफलता हासिल कर लेता है।
निशांत की हिंदी पर शुरू से ही काफी अच्छे कमांडर रह रहे हैं। ऐसे में उन्होंने सोचा कि अगर प्रतिक्रिया में भी आपके सवालों का जवाब प्रभावशाली तरीके से दिया जाए तो हिंदी भाषा को ही मजबूत करना होगा। इसके साथ ही उन्होंने अपनी रणनीति बनाई और तैयारी में जुट गए। उन्होंने कड़ी मेहनत कर सभी की परीक्षा दी लेकिन पहले प्रयास में सफलता नहीं मिली। इससे घबराए बिना उन्होंने दूसरा प्रयास और बेहतर तरीके से किया। 2014 की परीक्षा में उन्होंने ऑल इंडिया रैंक 13 प्राप्त की। इस तरह एक हिंदी माध्यम का युवा आई सूचना अधिकारी बन गया।
पहली नौकरी छोड़ने की तैयारी करने लगे
निशांत आईएएस अधिकारी बनना चाहते थे। निशांत ने ग्रेजुएशन पूरा करने के बाद नौकरी करने के लिए कई जगह आवेदन किया और उन्हें नौकरी मिल गई। क्लार्क के पद पर उनकी पहली नौकरी डाक विभाग में लगी। नौकरी के दौरान उन्होंने पोस्ट ग्रेजुएशन भी कर लिया। लेकिन इस नौकरी के दौरान उन्हें तपस्या की तैयारी करने का समय नहीं मिल रहा था, इसलिए उन्होंने नौकरी छोड़ दी। उन्होंने लिया था कि चाहे जो हो जाए, आईएएस जैसा ही हो। इसके बाद उन्होंने मेहनत की और सफलता हासिल की। निशांत राजस्थान कैडर केएएस हैं और जयपुर में पर्यटन विभाग में बड़ी जिम्मेदारी संभाल रहे हैं।