यूपीएससी की तैयारी के दौरान मां का साथ,माँ किसी हार के बाद पिता ने दिया हौसला,बनती आईएएस, जाने अंकिता की कहानी

हर साल लाखों की संख्या में बच्चे आवेदन की तैयारी करते हैं लेकिन विकल्प की परीक्षा में बच्चे वही सफल होते हैं जो कड़ी मेहनत करते हैं। वाले हैं।
जो हर मुश्किल को मात देते हुए इस परीक्षा को पास करके दिखाते हैं आज हम आपको अंकिता चौधरी की कहानी वाले हैं। ऐसी कठिन परीक्षा को पास करके अपनी मां का नाम रौशन कर दिया।
हरियाणा के रोहतक जिले की छाप ने 2017 में पहली बार सिविल सेवा की परीक्षा दी तो उन्हें सफलता नहीं मिली लेकिन अपने दूसरे प्रयास में उन्होंने ऑल इंडिया रैंक 14 पर कब्जा किया। फ़िलहाल अंकिता चौधरी सोनीपत के एडीसी के तौर पर प्रतिबंधित हैं।
यहां से की ग्रेजुएशन पूरी
रोहतक जिले के महम शहर में रहने वाले अंकिता चौधरी ने इंटरमीडिएट के बाद दिल्ली के हिंदू कॉलेज से ग्रेजुएशन किया। इसके बाद उन्होंने तपस्या का मन बना लिया। हालांकि इसके पहले अंकिता ने पोस्ट ग्रेजुएशन में सब कुछ लिया था।
अटका चौधरी सिविल सेवा परीक्षा में तब तक नहीं बैठे जब तक कि उन्होंने पढ़ाई पूरी नहीं कर ली। उन्होंने मास्टर डिग्री प्राप्त करने के बाद तीव्र परीक्षाओं की व्यापक तैयारी शुरू कर दी।
पढ़ाई के दौरान माँ से छूट के साथ
पढ़ाई के दौरान ही अंकिता की मां की एक सड़क दुर्घटना में मौत हो गई थी। इस घटना ने अंकिता को गहरा झटका दिया लेकिन उन्होंने खुद को कमजोर नहीं होने दिया। वे आईएएस अधिकारी बनकर अपनी विकलांग मां को श्रद्धांजलि देते हैं। इसमें उनके पिता ने उनके भरपूर साथ दिया।