गरीब अनाथ बच्चों की सहायता के लिए दावा छोड़ें, IAS बनने का फैसला, माता-पिता ने किया सहयोग, अधिकारी अधिकारी वैशाली की कहानी

सफलता एक दिन में नहीं मिलती, अगर थान लो तो एक दिन जरूर मिलती है। यह कहता है कि संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की 6वीं परीक्षा की तैयारी करने वाले के लिए बिल्कुल सटीक है। क्योंकि हर साल सिविल 16 की परीक्षा में लाखों की संख्या में रिफ्लेक्स शामिल होते हैं, जिसकी वजह से परीक्षा में प्रतिस्पर्धा बढ़ जाती है। लेकिन परिश्रम करने वाले एक न एक दिन सफल अवश्य होते हैं। कुछ ऐसा ही कर दिखाया गया है वैशाली सिंह ने। वैशाली सिंह को 2018 की सिविल नौ परीक्षाओं में ऑल इंडिया 8वीं रैंक मिली थी। वैशाली सिंह आज एक आईएएस अधिकारी हैं।
वैशाली सिंह का जन्म हरियाणा प्रदेश के फरीदाबाद जिले में हुआ था। वैशाली शुरू से ही पढ़ाई में तेज थे। 12वीं के वह ग्रेजुएशन करने वाली दिल्ली चली गईं। ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल करने के बाद उन्होंने दावा करना शुरू कर दिया। दावे से वे काफी खुश भी थे। लेकिन एक दिन गरीब बच्चों को वैशाली के जेहन में देखकर ख्याल आया। उनका मानना था कि गरीब बच्चों की आईएएस अधिकारी बन सकते हैं।
पहले प्रयास में प्रीलिम्स से ही हो गए थे
वैशाली ने जब सिविल सेवा की प्रीलिम्स परीक्षा पहली बार दी तो उनकी तैयारी अच्छी नहीं थी। जिसकी वजह से वे प्रीलिम्स से ही बाहर हो गए। इसके बाद उन्होंने खुद को मोटिवेटेड और पॉजिटिव क्रिएट किया। दूसरे प्रयास के लिए उन्होंने पहले से बेहतर तैयारी की। इस बार वैशाली न केवल सफल हुई, बल्कि उन्होंने बहुत अच्छी रैंक प्राप्त कर टॉपर्स की सूची में जगह बनाई। उनकी ऑल इंडिया रैंक 8वीं थी।
टास्कसी की सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी करने वाले प्रस्तावों को लेकर वैशाली का मानना है कि सफलता प्राप्त करने के लिए कड़ी मेहनत के अलावा स्मार्ट तरीके से पढ़ाई करने की आवश्यकता है। इसके अलावा टाइम बहुत जरूरी है। किससे आप सफलता प्राप्त कर सकते हैं। वैशाली का मानना है कि कोई भी व्यक्ति 24 घंटे की पढ़ाई नहीं कर सकता है। ऐसे में अगर आप 10 से 12 घंटे की पढ़ाई करते हैं तो सफलता प्राप्त कर सकते हैं।