पढ़ाई में कैसे जीरो थे इशान किशन, किए कई संघर्ष, जाने पूरब का लड़का अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खिलाड़ी बन गया

इशान किशन इंटरनेशनल प्लेयर बन गए हैं और लोग उन्हें नेक्स्ट धोनी के नाम से भी बुलाते हैं। आपको बता दें कि अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के साथ-साथ घरेलू क्रिकेट और रणजी ट्रॉफी में ईशान किशन ने काफी अच्छा प्रदर्शन किया है।
लेकिन यहां तक चौकियां किशन के लिए बहुत ज्यादा आसान नहीं था क्योंकि यहां तक पहुंचने के लिए इशान किशन ने काफी संघर्ष किया।
आपको बताएं कि ईशान किशन का रीडिंग में बिल्कुल भी मन नहीं लगता था जिसकी वजह से उनकी मां हमेशा परेशान रहती थीं। ईशान किशन की मां उन्हें डॉक्टर बनाना चाह रही थी लेकिन उनका मन हमेशा क्रिकेटर बन गया था।
बिहार के पूर्व में रहने वाले ईशान किशन का इतना लंबा सफर तय करना बहुत आसान नहीं था। इस सफर को तय करने में इंसान के सामने काफी संघर्ष हुआ।
ईशान किशन के साथ जुड़े कई किस्से दिलचस्प हैं। कहते हैं वो बचपन में बैट-बॉल लेकर साथ रहते थे। क्रिकेट के जुनून की वजह से उन्हें स्कूल से भी निकाल दिया गया था। आज ईशान अपनी मेहनत के दम पर शानदार क्रिकेटर्स में शुमार हैं। क्रिकेट जगत में उनका नाम सितारों की तरह जगमगाता है। वो अपने लंबे समय तक छक्कों से क्रिकेट प्रशंसकों का दिल जीतने के लिए भी जाने जाते हैं।
बिहार के पूर्व में 18 जुलाई 1998 को ईशान किशन का जन्म हुआ। इनके पिता प्रणव पाण्डेय एक निर्माता हैं। ईशान के बड़े भाई राज किशन भी राज्य स्तर पर क्रिकेट खेल हैं। वहीं ईशान को बचपन से ही क्रिकेट में बड़ा जाल था। जब भी वे थोड़े समय में मिलते हैं वो क्रिकेट खेलने चले जाते हैं। उनके माता-पिता ने बेटे को बेहतर शिक्षा पाने के लिए सतपा के सबसे बड़े स्कूल डीपीएस में विवरण दिया था